"बोरवेल tubel लगाने के लिए JAMIN ME PANI KHOJNE KE TARIKE"
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बोरवेल खनन |
इसी जिज्ञासा के चलते कई तरीके के टोटके और आविष्कार भी सामने आयें है। इनमें से पानी खोजने के लिए एक विधा dawsing भी है।
Dawsing kya hai
डाउजिंग का प्रयोग कई क्षेत्रो में किया जाता है। जैसे चिकित्सा के क्षेत्र में भूमि गत नदियों का पता लगाने में और काफी समय से इसका इस्तेमाल भूमि गत जल को ढूंढ कर बोरवेल ट्यूबवेल लगाने में भी किया जा रहा है। तो आज हम जानेंगे की डाउजिंग क्या होती है। और कैसे पानी को ढूढ़ने में इस्तेमाल की जाती है।
इसके उपकरण में एक लकड़ी की छड़ होती है। जिसका आकार इंग्लिश के वाय ( Y ) अक्षर के जैसा होता है। अब इसका प्रयोग करने वाले लकड़ी के दोनों हिस्सों को अपनी हथेली में पकड़ के जमीन के ऊपर नंगे पाँव घूमते है।जिस भी स्थान पर पानी की संभावना होती है। वो लकड़ी हलचल में आ कर घूमने लगती है। जहाँ पर लकड़ी जोरों से घूमती है तो उस स्थान पर वो लोग पानी होने का दावा करते है।और 80 प्रतिशत सफलता भी मिलती है। लेकिन लगातार जल स्तर कम होने की वजह से कई बार उनके दावे भी सच नही हो पाते है।
डाउजिंग की पूरी जानकारी यहाँ पढे।✔
इसके अलावा एक और पानी ढूंढने की विधि होती है। जिसमें
नारियल का प्रयोग किया जाता है।
NARIYAL VIDHI (coconut)
नारियल का प्रयोग दो प्रकार से करते है।
✒1 हथेली पर नारियल को सीधा रखा जाता है। जहाँ भी पानी होने की संभावना होती है। उस स्थान पर नारियल हथेली पर अपने आप खड़ा हो जाता है। फिर उसी स्थान को बोरवेल लगाने के लिए चुना जाता है।
✒2 तरीके में नारियल के ऊपर अगरबत्ती घूमा कर जमीन पर एक जगह रख कर उसके ऊपर एक व्यक्ति को बिठा या जाता है। दूसरा व्यक्ति अगरबत्ती ले कर जमीन पर नंगे पाँव घूमता है। जहाँ भी पानी की सम्भावना होती है। नारियल पर बेटा व्यक्ति घूमने लगता है।
नारियल के अलावा और भी एक विधि है।
✒3 उसमें जिन जिन स्थानों पर पानी होने की सम्भावना लगती है। उन 4 या 5 स्थानों का चयन कर के नए समान आकर वाले मिट्टी के कुल्हड़ में पूर्णिमा की रात में पानी भर के। उन पर मिटटी के ढक्कन से ढाक कर उन चयनित स्थानों पर रख दिए जाते है।दूसरे दिन सूर्योदय के समय उन्हें देखे जो कुल्हड़ पूरा भरा हो वहाँ पानी की ज्यादा सम्भावना होती है। और जो आधा भरा हो वहा पानी कम और ज्यादा गहराई पर होता है।जो कुल्हड़ खली होता है। वहाँ पानी की कोई भी सम्भावना नही होती है। इनके अलावा जहाँ पर ख़जूर ,आक बबूल, बेरी, के पेड़ होते है। वाह भी पानी की सम्भावना बड जाती है।
✒3 उसमें जिन जिन स्थानों पर पानी होने की सम्भावना लगती है। उन 4 या 5 स्थानों का चयन कर के नए समान आकर वाले मिट्टी के कुल्हड़ में पूर्णिमा की रात में पानी भर के। उन पर मिटटी के ढक्कन से ढाक कर उन चयनित स्थानों पर रख दिए जाते है।दूसरे दिन सूर्योदय के समय उन्हें देखे जो कुल्हड़ पूरा भरा हो वहाँ पानी की ज्यादा सम्भावना होती है। और जो आधा भरा हो वहा पानी कम और ज्यादा गहराई पर होता है।जो कुल्हड़ खली होता है। वहाँ पानी की कोई भी सम्भावना नही होती है। इनके अलावा जहाँ पर ख़जूर ,आक बबूल, बेरी, के पेड़ होते है। वाह भी पानी की सम्भावना बड जाती है।
इसके अलावा भी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रो कई प्रकार के अलग अलग टोटको और विधाओं का प्रयोग करते है।
यह पोस्ट भी ज़रुर पढ़े।।।
यह पोस्ट भी ज़रुर पढ़े।।।
● Kheti krne ka aadhunik tarika
● Kheti ki nai taknik palsatic malching ki jankari
● Began ki vegyanik tarike se kheti
● Barsat ke liye kisano ke totke
लगातार पानी की कमी और बोरवेल के खर्च ज्यादा होने की वजह से इस तरह के टोटको पर विश्वास करने के लिए किसान को मजबूर होना पड़ता है।
इस पोस्ट लिखने का मेरा उद्देश्य केवल अपने पाठकों को जानकारी देना है। हम ऐसे किसी भी प्रयोग की सत्यता का दावा नही करते है।
इस पोस्ट लिखने का मेरा उद्देश्य केवल अपने पाठकों को जानकारी देना है। हम ऐसे किसी भी प्रयोग की सत्यता का दावा नही करते है।
यदि आपके क्षेत्र में भी ऐसा कोई प्रयोग होता है। तो हमें जरूर लिखे और अपनी राय जरूर बताये
साथ ही हमारे पेज को लाइक और subcraib करना ना भूले kisaan dost
34 comments
Write commentsNice
ReplyThanks
Replyhello frendzzzzzz
Replyसर एेसी बातो मे सच्चाई कम और अंध विश्वास ज्यादा है एेसे मेने भी बोरवेल 800 से 900 फीट गहराई तक करवा चुका लेकिन पानी कई नही मिला
Replyरमेश जी आप सही बता रहे है। आज किसानो को भगवान् भरोसे और अन्धविश्वास का ही सहारा ले कर बोरवेल लगाना पड रहा है। 100%पानी बोरवेल में मिल जाये ये अभी तक कोई दावा नही कर पा रहा है। आज विदेशो में भी water डीडेकटर मशीन और dawsing का उपयोग कर रहे है। अभी तक 100%पानी जमीन में मिल जाए कोई गारंटी नही ले रहा है। मेरी पोस्ट का उद्देश्य भी बस ये ही बताना है। की किसान किन किन तरीको या टोटको पर विश्वाश कर के बोरवेल लागते है। इसिलए मेने पोस्ट के tital में भी यही बात लिखी है। की ये अन्धविश्वास और टोटके है।
Replyआपने हमसे comment में बात की हमें बहुत अच्छा लगा । thanks for comments
Yash jat ji hamare borwell ka mortar kharab ho gaya tha use nikalte samay pipe tut ke motar andar hi gir gaya aur uske andar kisi ne pathaar daldiya hai paani bahut hai isliye motar nikalne koi tari ka batayiye bahut koshis kar raha hun lekin bat nahi ban rahi hai plese koi upay batayiye
Replyhy sivadesh ji mere borvel me bhi aap hi ki tarha pathhar fas gya tha fir mene use tudwane ki bhut kosis kri par nhi tuta to mene uski gharai naap kar kuve me blast krne wale tote ka visfot karwaya tha yadi aapke bhi smbhaw ho to ek bar try kr lena
Replyya koi nikalne wale ho to contcat kr lena
हमारे गाव मे पानी 40फिट पर आजाता मगर वो पानी बहुत हि खारा पानी प्रेशर भी बहुत ज्यादा ह पानी का ईश पानी से हम खेती नही कर पते तो हम केसे पता लगाये कि मीठा पानी कहा पर ह कोई मुजे बताये 9983885948
Replyआपने बहुत ही अच्छा सवाल किया है
Replyपर अभी तक मेरे ज्ञान में इसी कोई तकनीकि या प्रयोग का पता मुझे नही है जो भूमिगत पानी की पहचान कर सके भविष्य में यदि इसी कोई जानकारी हमें मिलेगी तो हम webside के माध्यम से जरुर शेयर करेगे keep vizit mkd
सर कोई मशीन नही ह कया जौ पानी का पता लगा सके कि खारा ह कि मीठा पानी
Replynhi zamin ke andar test krne ki to nhi hai bahar pani test krne ki to bhut hai
Replyसर हमारे गाव मे काफी टाइम एक मशीन आयी थी जौ कि ये बता रही थी कि ख पर पानी मीठा ह औऱ कितने फुट ह मीठा ह वो कौनसी मशीन हो सकती ह बताये
ReplySir mai akhilesh mujhe boring karwana hai sir,app ko kya coconut se panic ka pata gaya ka Santa hai, pani melega kya Sir, mujhe pata hai ki mera sawal galat hai fir bhi sir app ke jankare me hai aisa koi Jo sodha karwane ke bad me pani bharpur mila ho sir.please contact 7773828168
ReplyAkhilesh ji aksar mene dekha hai ki kai log es tyap ke pryog krwate hai or unhe pani bhi milta hai
ReplyAb ye pure dawe ke sath to nhi kah sakte lekin jo totake pani khojne ke liye log krte hai mene wo is post ke jariye batane ki kosis kri hai
Khara pani h balwant jyani agar ap haryana rajstan se h to watsaps no 8950366309 per pta karna
ReplySir
ReplyMai bank Mai hu magar kheti Karna chata hu per mughe kheti ki koi knowledge nhi h or mai kisi k connect me bhi nhi hu jo kheti k bare mai jante ho mughe kheti k basic matalab kheti k knowledge shuru se sikhna chahta hu or ab mai shuruaat Mai birani per kheti Karne ke soch raha hu to aap mughe plz guide kare Sandeep chauhan and connect no 7742306366
Bikaner rajasthan
Welcome sir aap jab bhi jo bhi chahe puche jitni ho payegi aapki help krne ki kosis kruga aap muje mail sms kr sakte hai
Replyसर मेरे खेत ७-८ साल पहले चालू बोअर था लेकिन किसीने उसकी मोटार निकाल के उसके अंदर पथ्थर दाल दिया बोर करीब ७-८ साल से बंद हे उसमे पाणी बहोत था मुझे क्या करणा चाहिये
Replyऐसा वो लोग करते है जो आपकी तरक्की पर जलते है। आप उसी लेक पर दूसरा बोरवेल लगाये और अबकी बार उसे undargraund करे ताकि कोई नुकसान नही कर पाए मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है। अब मेने सारे बोरवेल को ज़मींन के उंदर कर रखा है जिसे आसानी से कोई भी नुक्सान नही पंहुचा सके।
ReplyYash ji
ReplyMere yaha borewell ki kheti hai. Jisme Rabi ki fasale Jese wheat Saraso ho jatti hai. Water namkin hai isme Abhi kuch nahi boya hai khet khali hai to ab isme Kya sabji ki padhwar ho sakti hai. Me Raj. Ke hanumangarh dist se hu
Plz guidness me
Thanks
Yashji
ReplyMe Ek bat puchna chahta hu ki drengan fruit Raj. Me iski kheti ho sakti hai Kya.
Mene kisi se iske bare me pucha to usne Muche bataya ki humare yaha tem.0degri tak chala jata h isliye yaha Ye nahi ho sakta hai. Kya Ye -tem. Ke parti sahnsil nahi hai ji
Plz tell me regarding underground water testing machine in jaipir
ReplyAap dergen fruit wali post me mukesh ji ke no diye hai ek bar un se jarur confirm kr le
ReplyAap dergen fruit wali post me mukesh ji ke no diye hai ek bar un se jarur confirm kr le
ReplySir mera borbel me ret h aur wo 100 ft tha ab khisal ke 80 bacha h use kese saaf kare
ReplySir mere borbel me ret h jise moter jam ho jati h use kese saaf kare
Replyसर् जी ये नारियल के उठने की क्या सच्चाई है क्योंकि जब पानी देखने वाला नारियल हाथ मे लेता है तब वह खड़ा हो जाता है लेकिन हमारे हाथ से वह नारियल खड़ा नही होता प्लीज इसकी सच्चाई बताइये मेरा व्हाट्सअप नम्बर 9950208783
ReplyYah pura kam bhawno or viswash ka hai india me ye hi chal rha hai or log yakin kr ke log borwell laga rhe hai
ReplyYah pura kam bhawno or viswash ka hai india me ye hi chal rha hai or log yakin kr ke log borwell laga rhe hai
ReplyMotar ko ya borwel ko
ReplySir borbel me ret h use kese saaf kare
Reply100%पानी बोरवेल में मिल जाये ये अभी तक कोई दावा नही कर पा रहा है। Ha Ye Sahi Bat Hai Par Ye Ek Pratha Thik Hai =======> हथेली पर नारियल को सीधा रखा जाता है। जहाँ भी पानी होने की संभावना होती है। उस स्थान पर नारियल हथेली पर अपने आप खड़ा हो जाता है। फिर उसी स्थान को बोरवेल लगाने के लिए चुना जाता है। मेरी पोस्ट का उद्देश्य Sirf ये ही है। Har किसान Fix Jagah Dikhakar Hi Boring Karni Chahiye Chahe bate अन्धविश्वास Ki Ho ya विश्वास Or Kehte hai na Ki Umid Pe DUNIYA Kayam Hai Bhai to ..... Fir Chahe ये अन्धविश्वास और टोटके है। Kyo...
Replyज़मीन के नीचे पानी किस प्रकार है एक तालाब की तरह ह
ReplyEsme kitna khrcha aata he
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